सर्दियों के मौसम में गर्मी का होना, वर्षा में अनियमितता, मौसम के हिसाब से रहनेवाले तापमान में बढ़ोतरी, सुखा या अकाल जैसी स्थिति यही जलवायु परिवर्तन का बढ़ता खतरा है।
जंगल की कटाई, औद्योगिक विकास से होनेवाला प्रदुषण, जीवाश्म इंधन और अन्य स्त्रोतों का अधिक इस्तेमाल आदि जलवायु परिवर्तन के मुख्य कारण है।
जलवायु में उष्णता के कारण उष्ण कटिबन्धीय वनों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि होगी परिणामस्वरूप वनों के विनाश के कारण जैवविविधता का ह्रास होगा।
साथ ही जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सभी देशों को मिलकर उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है।
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